आखिर रिश्ते बड़ी जल्दी टूट जाने का कारण क्या है?

आज अक्सर रिश्ते बड़ी जल्दी टूट जाते हैं,इसका कारण क्या है? क्यों ऐसा होता है? ये बड़ा ही कशमकश वाला विषय है। आज हमारे पास सहन शक्ति बिल्कुल भी नहीं है, कोई कुछ बोल दे तो हम आग बबूला हो जाते हैं,आज बात मैं पर आ जाती है,एक ओर बात ये भी देखी गयी है कि हमारे पास हर एक चीज के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं तो हमारा दिमाग सोचता है कि हम क्या पता किसी और के साथ ज्यादा खुश रहेंगे, मैं यह नहीं कह रहा कि ऐसा नहीं हो सकता और आपको एक दुखी कर देने वाले रिश्ते को निभाना चाहिए,ये तो खुद पर और दूसरों पर अत्याचार है,जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। पर इसका मतलब ये भी तो नहीं कि हैं बात बात पर रिश्तों को खत्म करते चलें और सोचे कि कभी न कभी हमें खुद का हमसफ़र मिलेगा, हालांकि बहुत सारे लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि ऐसा करना अच्छा है,कहते हैं कि कम से कम जीवन बर्बाद करने से तो बेहतर है, देखिये उन लोगों की बात बिल्कुल सही है,परन्तु आप कभी भी किसी भी व्यक्ति से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो सकते,क्योंकि आप कितनी भी कोशिश कर लें आपके बीच में मतभेद आना तो लाजमी है, आपको कही बार ऐसा लगेगा कि ये बात तो बिल्कुल गलत है और आपका साथी कहेगा कि ये बात बिल्कुल सही है, पर अगर आप एक आधुनिक महिला या पुरुष होकर सोचते हैं तो मैं मानता हूं कि आपका रिश्ता ज्यादा टिकेगा नहीं,क्योंकि हर एक चीज दिमाग से नहीं सुलझाई जा सकती है , आधुनिकता आपको तर्कों पर आगे ले जाती है जहाँ आप गलत नहीं हो सकते वहीं संस्कृति और आदर्श आपको दिल से सोचने पर मजबूर करते हैं , जहां कहीं न कहीं हम कही बार अपनी गलती न होने पर भी उसे मानकर एक रिश्ते को टूटने से बचा देते हैं, सोचिये आपके माता पिता के झगड़े नहीं होते क्या? अगर आप सोचते हैं कि वो बंधे हुए हैं और कुछ नहीं कर पाते और इसलिए साथ हैं तो ये आप की गलती है,ये उनका प्यार है ,उनके रिश्ते की नींव इतनी गहरी है कि मामूली से झटके उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।छोटी मोटी लड़ाई ,मनमुटाव अक्सर बड़े घाव पैदा कर देते हैं पर समझदारी से सुलझाने पर ये आपके प्यार को और गहरा कर देते हैं,पर दूसरी तरफ आप अगर मोह माया,जिसे आप लगाव या जुड़ाव कहते हैं,को छोड़ना चाहते हैं और चाहते हैं कि मैं सांसारिक सुख भोगूँ तो आधुनिकता का रास्ता आपके लिए है,यहां पर आप सिर उठाकर एक आत्मनिर्भर बन सकते हैं पर आप एक प्यार करने वाले दिल को खो बैठते हैं,अगर जहां तक मैं समझता हूं एक उम्र के बाद आप चाहेंगे कि आपको प्यार करने वाला इंसान मिले,क्योंकि इंसान एक सामाजिक प्राणी है और रिश्ते नाते, प्यार,दुख ,दर्द जैसी चीजों को समझने और जीने के लिए उसे दिल दिया गया है, अब बात आप पर है आप किस ओर अपना रास्ता चुनते हैं, अंग्रेजी कवि रॉबर्ट फ्रॉस्ट की एक कविता है 'The road not taken'  आप उसे पढ़ें और कुछ वक्त सोचें,क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि जिंदगी के किसी मोड़ पर आप पहुँचे और आपको लगे कि काश मैं जिंदगी में पीछे जा सकता और उन पलों को जी पाता।

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